मंगलवार 13 मई 2025 - 13:04
हौज़ा ए इल्मिया क़ुम का वैश्विक प्रभाव 100 से अधिक देशों तक फैल चुका है। आयतुल्लाह आराफी

हौज़ा / ईरान में हौज़ा-ए-इल्मिया के निदेशक आयतुल्लाह अली रज़ा आ'राफी ने कहा कि आज दुनिया के 100 से ज़्यादा देशों में ऐसे नौजवान मौजूद हैं जो क़ुम की हौज़वी तालीम से लाभान्वित होकर इस्लामी और इंसानी उलूम के केंद्र स्थापित कर रहे हैं और मआरिफ़-ए-अहलेबैत अ.स.को फैलाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हौज़ा-ए-इल्मिया क़ुम की नए सिरे से स्थापना की 100वीं सालगिरह के मौके पर इंडोनेशिया से आए विद्वानों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में आयतुल्लाह आ'राफी ने कहा,आज दुनिया के 100 से ज़्यादा देशों में ऐसे युवा मौजूद हैं जो क़ुम से तालीम हासिल कर चुके हैं। वे इस्लामी और इंसानी उलूम के मर्कज़ (केंद्र) बना रहे हैं और अहलेबैत (अ.स.) की शिक्षाओं को फैलाने में अहम किरदार निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा,इस्लामी इंक़लाब के बाद इस्लामी तालीम के सारे दरवाज़े औरतों के लिए भी खोल दिए गए। आज पूरे देश में मर्दों के मदरसों की तरह, औरतों के लिए भी दीनी मदारिस (धार्मिक विद्यालय) और तालीमी मराकिज़ (शैक्षिक केंद्र) क़ायम हो चुके हैं।

हौज़ा ए इल्मिया क़ुम का वैश्विक प्रभाव 100 से अधिक देशों तक फैल चुका है। आयतुल्लाह आ'राफी

हौज़ा-ए-इल्मिया-ए-ख़वाहरान  एक व्यापक और प्रभावशाली निज़ाम में बदल चुका है, जो इस्लामी, इंसानी और अख़लाक़ी उलूम के फैलाव में अहम रोल निभा रहा है।

उन्होंने बताया कि क़ुम और ईरान के दूसरे शहरों में तक़रीबन 500 महिला मदरसे सक्रिय हैं, और विदेशों में भी ऐसे केंद्र क़ायम किए गए हैं जो सीधे तौर पर क़ुम के इल्मी और तर्बीयती (शैक्षिक व प्रशिक्षण) सिस्टम से जुड़े हुए हैं।

हौज़ा के प्रमुख ने ज़ोर देते हुए कहा,
हौज़ा-ए-इल्मिया-ए-क़ुम अब एक अंतरराष्ट्रीय तहज़ीब (सभ्यता) की शक्ल अख़्तियार कर चुका है। इसने इस्लामी उलूम की रौशनी को आलमी सतह पर फैला दिया है और यह वह पहलू है जो आज दुनिया के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में नज़र आता है।

उन्होंने आगे कहा,क़ुम की फिक्री रिवायत की एक और ख़ास बात यह है कि यह आवाम से बहुत क़रीब है और उन्हें की ताईद (समर्थन) पर क़ायम है। अगर अवाम न होते, तो हौज़ा-ए-इल्मिया क़ुम कभी वजूद में न आता। इमाम खुमैनी (रह.) ने भी अवामी ताक़त पर भरोसा करते हुए ही इस्लामी इंक़लाब को कामयाबी तक पहुँचाया।

हौज़ा ए इल्मिया क़ुम का वैश्विक प्रभाव 100 से अधिक देशों तक फैल चुका है। आयतुल्लाह आ'राफी

आयतुल्लाह आराफी ने यह भी बताया कि हौज़ा की सौवीं सालगिरह पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस की योजना कुछ साल पहले शुरू हुई थी, और अब पूरी तैयारी और प्रकाशित दस्तावेज़ों के साथ इस साल उसका अंतिम चरण आयोजित किया जा रहा है।

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